UPSC Ke Liye Optional Subject Kaise Chune
“सपना आईएएस बनने का है, मेहनत करने का हौसला भी है, पर सबसे बड़ा सवाल है – यूपीएससी के लिए सबसे अच्छा वैकल्पिक विषय कौन सा है?” यह सवाल हर साल हजारों अभ्यर्थियों को उलझाता है। कोई देखादेखी इतिहास लेता है, कोई सुनकर पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन चुन लेता है, तो कोई अपने कॉलेज वाले विषय को ही वैकल्पिक बना लेता है। लेकिन सच्चाई यह है कि यूपीएससी के फाइनल रिजल्ट में Optional Subject ही आपकी रैंक और सफलता तय करने वाला असली “गेम-चेंजर” है। तो चलिए, विस्तार से समझते हैं कि UPSC Ke Liye Optional Subject Kaise Chune और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
वैकल्पिक विषय क्या होता है?(What is optional subject)
यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में जब आप मेंस परीक्षा देंगे, तो आपको दो पेपर (250-250 अंक) optional subject के लिखने होंगे।
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कुल मिलाकर 500 अंक।
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विषय आप अपनी पसंद से चुन सकते हैं।
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इसमें कोई बाध्यता नहीं है कि आपने जिस विषय से ग्रेजुएशन किया है, वही लेना होगा।
इसका मतलब है कि एक Engineer भी इतिहास ले सकता है और Arts वाला छात्र गणित चुन सकता है। पूरी आज़ादी है – लेकिन इस आज़ादी का चुनाव सोच-समझकर करना होगा।
वैकल्पिक विषय के कितने पेपर होते हैं
हर वैकल्पिक विषय के दो पेपर होते हैं:
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पेपर I – बुनियादी सिद्धांत
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पेपर II – भारतीय संदर्भ या अनुप्रयोग
दोनों पेपर 250-250 अंक के होते हैं।
यूपीएससी में कितने वैकल्पिक विषय लेने होते हैं (Number of optional subjects)
आपको केवल एक वैकल्पिक विषय चुनना होता है। लेकिन उसके दो पेपर (Paper I और Paper II) लिखने पड़ते हैं।
मतलब कुल 500 अंक – और यही अंक आपकी रैंक बदलने की ताकत रखते हैं।
वैकल्पिक विषय का महत्व क्यों (Importance of optional subject)
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जनरल स्टडीज (GS) में सभी के अंक लगभग औसत रहते हैं।
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लेकिन ऑप्शनल सब्जेक्ट में आप दूसरों से आगे निकल सकते हैं।
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टॉपरों के मार्क्स देखकर साफ पता चलता है कि उनकी सफलता में सबसे बड़ा योगदान उनके ऑप्शनल के अंकों का होता है।
उदाहरण: गणित (Mathematics) जैसे विषयों में छात्रों ने 400+ अंक भी हासिल किए हैं।
यूपीएससी के लिए सबसे अच्छा वैकल्पिक विषय कौन सा है (Best Optional subject for UPSC)
यह एक ऐसा सवाल है जिसका कोई सीधा जवाब नहीं है।
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कोई विषय अच्छा या बुरा नहीं होता।
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असली बात है – आपकी रुचि, आपकी पृष्ठभूमि, और आपकी तैयारी के संसाधन।
फिर भी, कुछ विषय पारंपरिक रूप से ज्यादा लोकप्रिय और स्कोरिंग माने जाते हैं। जैसे:
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ज्योग्राफी (Geography)
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सोशियोलॉजी (Sociology)
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पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (Public Administration)
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PSIR (Political Science & International Relations)
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इतिहास (History)
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गणित (Mathematics)
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एंथ्रोपोलॉजी (Anthropology)
यूपीएससी के लिए वैकल्पिक विषय कैसे चुनें (UPSC Ke Liye Optional Subject Kaise Chune)
UPSC Optional Subject चुनने के लिए निम्न steps को follow किया जा सकता है :-
1. देखादेखी में विषय न चुनें
किसी टॉपर ने सोशियोलॉजी लिया और टॉपर बन गया – इसका मतलब यह नहीं कि वह आपके लिए भी सही होगा।
2. रुचि और समझ को प्राथमिकता दें
सोचें – कौन सा विषय पढ़ते समय आपको थकान नहीं होती? कौन सा विषय आप लंबे समय तक पढ़ सकते हैं? याद रखिए – UPSC यात्रा लंबी होती है, इसमें केवल वही विषय काम आएगा जिसमें आपकी दिलचस्पी हो।
3. सिलेबस और पेपर देखें
हर विषय का सिलेबस UPSC की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
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पहले सिलेबस डाउनलोड करें।
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पिछले 5 साल के प्रश्न-पत्र देखें।
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सोचें कि क्या यह विषय आपके लिए “मैनेज” करने योग्य है।
4. स्टडी मटेरियल और गाइडेंस की उपलब्धता
ऐसा विषय चुनें जिसका अच्छा स्टडी मटेरियल मार्केट में उपलब्ध हो।
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ज्योग्राफी, सोशियोलॉजी, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, PSIR – इनका मटेरियल आसानी से मिलता है।
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जबकि बॉटनी, जूलॉजी, गुजराती लिटरेचर जैसे विषयों के लिए मटेरियल और गाइडेंस मिलना कठिन है।
5. बैकग्राउंड का ध्यान रखें (पर बाध्यता नहीं है)
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अगर आपने Arts से पढ़ाई की है तो वही विषय आपके लिए आसान होंगे (इतिहास, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र आदि)।
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अगर आप Science या Engineering से हैं और गणित/भौतिकी आपकी “रगों में बहती” है, तभी ऐसे कठिन विषय चुनना सही हो सकता है।
6. स्कोरिंग और समय प्रबंधन
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गणित, फिजिक्स जैसे विषयों में अंक बहुत अच्छे आ सकते हैं (400+ तक), लेकिन तैयारी का समय ज्यादा लगता है।
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वहीं, सोशियोलॉजी और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन जैसे विषय कम समय में अच्छे नंबर दिला सकते हैं।
कुछ लोकप्रिय विषय और उनका विश्लेषण (Famous UPSC Optional Subjects)
1. भूगोल (Geography)
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साइंस और आर्ट्स दोनों बैकग्राउंड वालों के लिए उपयुक्त।
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GS पेपर में भी मदद करता है।
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मटेरियल आसानी से उपलब्ध।
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चुनौती: सिलेबस बहुत बड़ा है, मैपिंग में कठिनाई।
2. समाज शास्त्र (Sociology)
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कम समय में तैयारी संभव।
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निबंध और GS (पेपर 1 व 2) में मदद करता है।
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स्कोरिंग विषय।
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चुनौती: उत्तर लिखने में सामाजिक दृष्टिकोण लाना आवश्यक।
3. लोक प्रशासन (Public Administration)
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प्रशासनिक कार्यों से जुड़ा, इसलिए IAS बनना चाहने वालों को पसंद।
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पेपर छोटा है, लेकिन “ट्रेंड” बदलता रहता है।
4. PSIR (Political Science & IR)
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अंतरराष्ट्रीय संबंधों के कारण निबंध और इंटरव्यू में मददगार।
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पर सिलेबस लंबा है।
5. गणित (Mathematics)
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सबसे ज्यादा अंक दिलाने वाला विषय।
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पर समय और गहरी मेहनत की जरूरत।
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केवल वही लें जिनकी गणित बहुत मजबूत हो।
6. एंथ्रोपोलॉजी (Anthropology)
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छोटा और स्कोरिंग विषय।
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हाल के वर्षों में लोकप्रिय।
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GS और निबंध में भी मदद करता है।
बचने योग्य गलतियाँ (Mistakes to avoid in UPSC Optional)
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जल्दबाजी में निर्णय लेना।
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दोस्तों/शिक्षकों की सलाह पर आंख बंद करके विषय चुनना।
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केवल “टॉपर” देखकर विषय लेना।
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ऐसा विषय चुनना जिसका मटेरियल या शिक्षक उपलब्ध न हो।
निष्कर्ष (Conclusion)
यूपीएससी में सफलता केवल मेहनत से नहीं मिलती, बल्कि सही दिशा में मेहनत करने से मिलती है। वैकल्पिक विषय का चुनाव उसी सही दिशा का पहला कदम है।
याद रखिए:
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कोई भी विषय अच्छा या बुरा नहीं है।
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सही विषय वही है जिसमें आपकी रुचि हो, जिसके लिए संसाधन उपलब्ध हों, और जिसमें आप लगातार मेहनत कर सकें।
तो जल्दबाजी मत कीजिए, सिलेबस देखिए, डेमो क्लासेज लीजिए, और दिल से महसूस कीजिए – यही मेरा विषय है।
यही सही चुनाव आपकी रैंक तय करेगा।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. यूपीएससी के लिए सबसे अच्छा वैकल्पिक विषय कौन सा है?
👉 कोई विषय सबसे अच्छा नहीं होता। सही विषय वही है जिसमें आपकी रुचि हो और जिसे आप अच्छी तरह पढ़ सकें।
Q2. यूपीएससी में कितने वैकल्पिक विषय लेने होते हैं?
👉 केवल एक वैकल्पिक विषय लेना होता है, लेकिन उसके दो पेपर (Paper I और Paper II) लिखने होते हैं।
Q3. वैकल्पिक विषय के कितने पेपर होते हैं?
👉 दो पेपर होते हैं – प्रत्येक 250 अंकों का, यानी कुल 500 अंक।
Q4. क्या ग्रेजुएशन का विषय ही लेना जरूरी है?
👉 नहीं, आप अपनी पसंद का कोई भी विषय चुन सकते हैं। पर आर्ट्स बैकग्राउंड वालों के लिए ग्रेजुएशन का विषय लेना आसान होता है।
Q5. वैकल्पिक विषय चुनते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
👉 रुचि, सिलेबस, मटेरियल की उपलब्धता, गाइडेंस, और समय प्रबंधन।
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